Wednesday, April 12, 2023

Linux Structure and Architecture लिनक्स की संरचना in english in hindi

 Generally Linux architecture consists of following 5 components-

सामान्यतः लिनक्स आर्किटेक्चर में निम्नलिखित 5 घटक होते हैं-

the Kernel, System Libraries, System Utilities Programs, Hardware Layer, and Shell.
कर्नेल, सिस्टम लाइब्रेरी, सिस्टम यूटिलिटी प्रोग्राम, हार्डवेयर लेयर और शेल।

Kernel:- The kernel performs all primary functions of the operating system. It is also called Heart of computer system and it works 24*7 inside computer. It is responsible for communication between the user and hardware.When the user gives a command, that command first goes to the shell, the shell converts that command into machine language and sends it to the kernel and in the end the kernel hardware is turned on.
कर्नेल:- कर्नेल, ऑपरेटिंग सिस्टम के सभी प्राथमिक कार्यों को पूर्ण करता है। इसे कंप्यूटर सिस्टम का ह्रदय भी कहा जाता है और यह कंप्यूटर के अंदर 24*7 काम करता रहता है।यह यूजर एवं हार्डवेयर के मध्य संवाद के लिए उत्तरदायी होता है। जब यूजर कोई कमांड देता है तब वह कमांड सबसे पहले शैल में जाता है , शैल उस कमांड को मशीनी भाषा में परिवर्तित कर कर्नेल को भेजता है एवं अंत में कर्नेल हार्डवेयर को प्रारंभ करता है।  

System Libraries:- These are collection of pre-compiled blocks of code that perform special functions. It doesn’t require any access rights from kernel modules. Instead of writing new code, we can reuse these library functions throughout a program.
सिस्टम लाइब्रेरी:- ये पूर्व में कंपाइल किये गए प्रोग्राम कोड का संग्रह है जो विशेष कार्य को पूर्ण करते हैं और कर्नेल मॉड्यूल से इन्हें अधिकार प्राप्त करने की आवश्यकता नहीं होती है। नया कोड लिखने के स्थान पर हम अपने पूरे प्रोग्राम में लाइब्रेरी फ़ंक्शंस का कई बार उपयोग कर सकते हैं।

System Utilities Programs:- These programs perform specialized and individual functions within Linux. These are operating system tools like disk and registry cleaners, temporary files deleters, duplicate file locators, disk space analysis, disk defragmenters, software and process managers, fonts, drivers, partitions, startup and boot managers etc. 
सिस्टम यूटिलिटीज प्रोग्राम:- ये प्रोग्राम लिनक्स के भीतर विशेष और व्यक्तिगत कार्य करते हैं। ये डिस्क और रजिस्ट्री क्लीनर, अस्थायी फाइल डिलीटर, डुप्लीकेट फाइल लोकेटर, डिस्क स्पेस एनालिसिस, डिस्क डीफ्रैग्मेंटर्स, सॉफ्टवेयर और प्रोसेस मैनेजर, फोंट, ड्राइवर, पार्टीशन, स्टार्टअप और बूट मैनेजर आदि की भांति ऑपरेटिंग सिस्टम टूल होते हैं।

Hardware Layer:- This layer refers to CPU, HDD, and RAM etc peripheral devices present in Linux environment. Hardware device requires Kernel's permission  to communicate with users.
हार्डवेयर लेयर:- यह लेयर सीपीयू, एचडीडी और रैम जैसे लिनक्स वातावरण में परिधीय उपकरणों को संदर्भित करती है। हार्डवेयर को उपयोगकर्ताओं के साथ संवाद करने के लिए कर्नेल की अनुमति की आवश्यकता होती है।

Shell:- The shell is an interface between the kernel and the user. It interprets the user’s commands and sends them to the OS to perform them. The shell is the Linux command line interpreter. For example, if a user enters ls then the shell executes the ls command.
शेल:- शेल, कर्नेल और उपयोगकर्ता के बीच एक इंटरफ़ेस के रूप में कार्य करता है। यह यूजर की कमांड्स की व्याख्या करता है एवं उन्हें एक्सीक्यूट करने के लिए ओएस को भेजता है। शेल लिनक्स कमांड लाइन दुभाषिया है। उदाहरण के लिए, यदि कोई उपयोगकर्ता ls टाइप करता है तब शेल ls कमांड को एक्सीक्यूट करता है।

There are a number of shells available to a Linux user, these are:-
लिनक्स उपयोगकर्ता के लिए कई शेल उपलब्ध हैं जो निम्न है:- 

sh - This is known as the Borne Shell and is the original shell
sh - इसे बोर्न शेल के रूप में जाना जाता है और यह मूल शेल है

csh, tcsh - These are well-known and widely used derivatives of the Borne shell
csh, tcsh - ये बोर्न शेल के प्रसिद्ध और व्यापक रूप से उपयोग किए जाने वाले डेरिवेटिव हैं

ksh - The popular Korn shell
ksh - लोकप्रिय कोर्न शेल

bash - The Borne Again Shell is the most popular shell used for Linux and developed by GNU
बैश - द बोर्न अगेन शेल लिनक्स के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला और जीएनयू द्वारा विकसित सबसे लोकप्रिय शेल है।


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